मैं दसवीं कक्षा का छात्र तुषार हर्ष और विषाद की मिश्रित भावना के साथ.....
2.
आज इतने वर्षों के बाद उन बातों को याद कर एक मिश्रित भावना उमगती है.
3.
एक घंटे बाद हम थकावट और उत्साह की मिश्रित भावना के साथ गांव पर पहुंच गया.
4.
लज्जा और वेदना की एक मिश्रित भावना उसके मन को भारी दु: ख दे रही थी।
5.
बहुत कम ऐसे अवसर आएँ हैं जब मैं एक मिश्रित भावना के कारण चीखना चाहती थी, आज वही एक अवसर था.
6.
समीर भाई, नमस्ते! आप व परिवार के सभी को आगामी वर्ष के लिये, मेरी शुभ कामना भेज रही हूँ ~~ समीर भाई, आपकी इस प्रविष्टी को पढकर २००६ की समाप्ति पर हर्ष / विषादि मिश्रित भावना के वलय गहरा गये....